नई दिल्ली। बिहार की सत्ता से राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए जिस पार्टी का हाथ भाजपा ने थामा, आज वहीं पार्टी भाजपा के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बिसात बिछाने में जुटी हुई है। बात कर रहे हैं जेडीयू यानी जनता दल (यूनाइटेड) की। खबर है कि मौजूदा समय में जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार (05 फरवरी) को मुंबई में शिव सेना के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी। इस दौरान प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में भी फील्डिंग की।
वहीं नागरिका क़ानून मामले में भी यही दोनों दल केंद्र के कदम को चुनौती देने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में साफ़ नज़र आता है कि शिवसेना और जेडीयू दोनों आम चुनावों में एनडीए से खुद को प्रथक कर चुनावी दंगल में उतरने की प्लानिंग में हैं।

याद करा दें जब लालू के बेटे तेजस्वी यादव का नाम आय से अधिक बेनामी संपत्ति और चारा घोटाला से जोड़कर इस्तीफा मांगा जा रहा था, तब जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने मामले से खुद को अलग करते हुए मौजूदा राजद-जदयू सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। उसी वक्त भाजपा आनन-फानन में दौड़ कर बिहार पहुंची और जदयू के साथ मिल सरकार बनाई।
खबरों के मुताबिक़ शिवसेना और जेडीयू की इस मुलाक़ात के दौरान प्रशांत किशोर ने पहले तो लोकसभा चुनावों के लिए शिव सेना की चुनावी रणनीति संभालने के बावत बात की, इसके बाद उन्होंने शिवा सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से इस बात पर भी चर्चा की कि वो हर हाल में एनडीए में बने रहें।
इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक़ प्रशांत किशोर ने इसके अलावा अपने पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में भी फील्डिंग की।

शिव सेना के सूत्रों के मुताबिक अगर आगामी लोकसभा चुनाव के परिणाम त्रिशंकु रहते हैं तब किशोर ने नीतीश कुमार को पीएम बनाने का फार्मूला उद्धव ठाकरे से साझा किया है।
अखबार के मुताबिक प्रशांत किशोर ने शिव सेना की बैठक में आगामी चुनावों के बाद की परिस्थितियों पर चर्चा करते हुए कहा कि अगर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तब नीतीश कुमार जैसे चेहरे को आगे कर उन गैर एनडीए क्षेत्रीय दलों से समर्थन लिया जा सकता है जो गैर कांग्रेसी सरकार चाहते हैं।
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किशोर के मुताबिक ऐसे दलों के 100 सांसद जीत कर आ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक किशोर ने वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति, बीजू जनता दल और एआईएडीएमके को ऐसे क्षेत्रीय दलों में शामिल किया जो जरूरत पड़ने पर नीतीश कुमार को पीएम के रूप में समर्थन दे सकते हैं। बता दें कि पिछले साल राज्य सभा के उप सभापति के चुनाव में भी नीतीश की पार्टी के उम्मीदवार को बीजू जनता दल ने समर्थन दिया था।
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BY : Ankit Rastogi